छत्तीसगढ़ में ऊर्जा संसाधन छत्तीसगढ़ - CG GK ,Urja Sansadhan in Chhattisgarh , Urja Sansadhan ke mahtw

छत्तीसगढ़ में ऊर्जा  संसाधन छत्तीसगढ़ - CG GK ,Urja Sansadhan in Chhattisgarh , Urja Sansadhan ke mahtw

  छत्तीसगढ़ में ऊर्जा संसाधन   इस टॉपिक में आज हम छत्तीसगढ़ की ऊर्जा संसाधन के बारे में जानकारी देने वाले हैं। किसी भी राज्य के लिए ऊर्जा संसाधन एक महत्वपूर्ण इकाई है । तो आज हम इन्हीं ऊर्जा संसाधन के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं। जो आपके आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगी। किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता पाने के लिए gk की अहम भूमिका होती है। इस टॉपिक पर कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को रखने वाले हैं जो एग्जाम की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन बिंदुओं को आप  पेपर पर नोट कर लें या कॉपी पर लिख ले ताकि समय पर आपको सही जानकारी मिल सके।

ऊर्जा संसाधन के इस टॉपिक पर हम जिन बिंदुओं का अध्ययन करने वाले हैं कुछ इस प्रकार से है -

  1.  विद्युत मंडल की स्थापना

  2.  विद्युत मंडल का पुनर्गठन

  3.  सीएसईबी की कुल उत्पादन क्षमता

  4.  राज्य सरकार के ताप विद्युत संयंत्र

  5.  राज्य सरकार के जल विद्युत संयंत्र

  6.   निजी ताप विद्युत परियोजना

  7.  प्रस्तावित ताप विद्युत परियोजना

  8.  प्रस्तावित जल विद्युत परियोजना

  9.  केंद्र सरकार के तापीय विद्युत संयंत्र

  10.  अन्य महत्वपूर्ण बिंदु



 इन सभी   बिंदुओं को अब हम विस्तार पूर्वक देखेंगे तो चलिया ऊर्जा संसाधन के सभी बिंदुओं पर नजर डालते हैं-


1.विद्युत मंडल की स्थापना :-

  छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल  जिसे  (CSEB) के नाम से जाना जाता है। जिसकी स्थापना 15 नवंबर सन 2000 को हुआ था ।  जिसका मुख्यालय रायपुर को बनाया गया था  तथा इसके पहले अध्यक्ष सुनील कुमार मिश्रा जी थे।


2.विद्युत मंडल का पुनर्गठन:

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल का सन 2008 में पुनर्गठन कर दिया गया था तथा उसे पांच कंपनियों में विभाजित कर दिया गया था जिसका विवरण कुछ इस प्रकार से है -


◆  छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी (जनरेशन)

◆  छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पारेषण कंपनी(ट्रांजिकशन)

◆  छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी (डिस्ट्रीब्यूशन)

◆  छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत होल्डिंग कंपनी

◆  छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत व्यापार कंपनी


 छत्तीसगढ़ गाइड के इन सभी विद्युत उत्पादन इकाइयों के लिए कोयले की आपूर्ति कोरबा क्षेत्र से और जल की आपूर्ति हसदेव नदी पर बनाए गए बैराज से होती है । लेकिन वर्ष 2008 से प्रदेश को जीरो पावर कट राज्य घोषित किया गया है ।


3.सीएसईबी की कुल उत्पादन क्षमता :-

 सीएसईबी की कुल उत्पादन क्षमता 3424.70mw है  जो कि निम्न स्रोतों से हुई है -

  •   ताप विद्युत उत्पादन - 3280mw
  •  जल विद्युत उत्पादन - 138.70mw
  • बायोमास द्वारा उत्पादन -6mw



4.राज्य सरकार के ताप विद्युत संयंत्र :- 

यहां पर राज्य सरकार के द्वारा स्थापित ताप विद्युत संयंत्रों का शार्ट नोट के रूप में उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। राज्य में उत्पादित होने वाले का विद्युत संयंत्रों की बात किया जाए तो सबसे पहले  राज्य में स्थापित होने वाला प्रथम ताप विद्युत  गृह  कोरबा ताप विद्युत गृह था । जिसकी स्थापना सन 1958  मैं रूस के सहयोग से किया गया था जिसका मुख्य उद्देश्य भिलाई स्टील प्लांट को  विद्युत की आपूर्ति हेतु किया गया था ।  लेकिन वर्तमान में यह संयंत्र बंद हो गया है इसे Face1 के नाम से जाना जाता था । 


  1. कोरबा पूर्व ताप विद्युत गृह Face 2 (940mw)

 कोरबा पूर्व - 2 (1966 -68) = 200mw

कोरबा पूर्व  - 3 (1976 - 81) =240mw

कोरबा पूर्व  - 4 (2007).       =500mw



  1.  कोरबा पश्चिम ताप विद्युत गृह (1983 -86) (840mw) 

         कोरबा पश्चिम विस्तार 2013 (500 mw)


  1.  मरवा ताप विद्युत गृह चांपा तेंदू भाटा ग्राम - 1000mw


 

5.राज्य सरकार के जल विद्युत संयंत्र :- 


  1. हसदेव जल विद्युत संयंत्र माचा डोली जो कि हसदो नदी पर बनाई गई है।(1994 -95) = 120 mw 

 कोरबा पश्चिम मिनिस्टर( 2003 ) = 1.70


  1.  रुद्री जल विद्युत गृह 1990  मे स्थापित हुआ था। जो कि राज्य में स्थापित होने वाले प्रथम जल विद्युत गृह  था वर्तमान में बंद पड़ा है। उत्पादन = 02 mw


  1.  गंगरेल जल विद्युत गृह की स्थापना 2004 में महानदी धमतरी में हुआ था जिसके उत्पादन क्षमता= 10mw

 

  1.  सिकासर जल विद्युत गृह की स्थापना 2006 में गरियाबंद में पैरी नदी में हुआ था  जिस की उत्पादन क्षमता =7mw



6.निजी ताप विद्युत परियोजना :-

 यह विद्युत गृह सरकार के द्वारा स्थापित ना होकर निजी कंपनियों के द्वारा स्थापित किया गया है-


  1. रायगढ़ ताप विद्युत गृह जिस की उत्पादन क्षमता 2640 मेगा वाट


 B. लैंको अमरकंटक प्राइवेट पावर लिमिटेड कोरबा जिसकी कुल उत्पादन क्षमता 1320 मेगा वाट 


C. वर्धा ताप विद्युत परियोजना अकलतरा जांजगीर चांपा जिसकी उत्पादन क्षमता 270 मेगावाट


7. प्रस्तावित ताप विद्युत परियोजना


● भैयाथान ताप विद्युत परियोजना सूरजपुर जिसकी कुल उत्पादन क्षमता 1320 मेगावाट 


●गूंजी बुंदेली ताप विद्युत परियोजना कोरिया जिसकी पादन क्षमता 500 मेगावाट


8. प्रस्तावित जल विद्युत परियोजना


● बोधघाट जल विद्युत परियोजना जिसकी उत्पादन क्षमता 500 मेगावाट जो कि दंतेवाड़ा में स्थित है 


●मटनार जल विद्युत परियोजना बस्तर निष्पादन क्षमता 60 मेगा वाट 


●कनहर जल विद्युत परियोजना बलरामपुर जिसकी क्षमता 50 मेगावाट 


●रेहर जल विद्युत परियोजना सूरजपुर जिसकी उत्पादन क्षमता 96 मेगावाट


● लारा रायगढ़ में एनटीपीसी द्वारा 4000 मेगा वाट का पावर स्टेशन प्रस्तावित है।



9. केंद्र सरकार के तापीय विद्युत संयंत्र


1. कोरबा सुपर ताप विद्युत गृह एनटीपीसी कोरबा :-


इसकी स्थापना  सन 1978 में विश्व बैंक के सहयोग से पांचवी पंचवर्षीय योजना के दौरान हुआ था। लेकिन इसके उत्पादन 1983 से शुरू हुआ था । इसकी कुल उत्पादन क्षमता 2600 मेगा वाट है। जिसमें छत्तीसगढ़ का हिस्सा 14% है । कोरबा सुपर ताप विद्युत गृह को कोयले की आपूर्ति कोरबा के कोयला क्षेत्र जैसे गेवरा कुसमुंडा से और जल की आपूर्ति हसदेव नदी से होती है । छत्तीसगढ़ के अलावा भिलाई स्टील प्लांट, गोवा ,महाराष्ट्र, गुजरात ,दमन व दीव को विद्युत की आपूर्ति करता है।



2. सीपत सुपर ताप विद्युत गृह एनटीपीसी सीपत :-


 जिसकी स्थापना बिलासपुर में सन 2002 में हुआ था । लेकिन उत्पादन सन 2008 से शुरू हुआ यह देश का पहला मेगा पावर प्रोजेक्ट है । ईसके अंतर्गत देश में पहली बार सुपर क्रिटिकल बॉयलर तकनीकी से विद्युत का उत्पादन किया जाता है। उतपादन क्षमता की बात किया जाए तो 2980 मेगावाट है ।


• इसको कोयले की आपूर्ति कोरबा क्षेत्र की खानों से होती है,

•जल की आपूर्ति हंसदेव  बैराज से होती है ,

बिक्री से लाभान्वित होने वाले राज्य कुछ इस प्रकार से है जैसे छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश गुजरात ,गोवा, दमन दी ,दादर नगर हवेली वर्तमान में इसे राजीव गांधी सुपर थर्मल पावर प्लांट के नाम से जाना जाता है


  3.  बाल्को ताप विद्युत केंद्र:-

इसकी स्थापना 1984 में हुआ था इसका मुख्य उद्देश्य बालको स्थित एलमुनियम कारखाने को विद्युत की आपूर्ति करने हेतु किया गया था| इसकी उत्पादन क्षमता की बात की जाए तो कुल उत्पादन क्षमता 270 मेगावाट है |



अन्य तथ्य

 गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के दोहन एवं संभावनाओं की खोज हेतु वर्ष 2001 में छत्तीसगढ़ राज्य में अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी सी आर ए डी ए का गठन हुआ है इसका मुख्यालय रायपुर को बनाया गया है हाल ही में क्रेडा द्वारा ऊर्जा पार्क की स्थापना की जा रही है।

 रतनजोत व करंज के बीजों से बायोडीजल के उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य 26 जनवरी 2005 को छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है।


 ग्रामीण विद्युतीकरण निगम 


ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के उद्देश्य इसकी स्थापना की गई है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के 98.8 जीरो गांव वितरित हो चुके हैं विकृत हो चुके हैं। इन विकृत गांव की कुल संख्या 1009 19723 है।


छत्तीसगढ़ शासन द्वारा एकल बत्ती कनेक्शन हितग्राहियों को 40 यूनिट तक बिजली मुफ्त में प्रदान की जाएगी। राज्य में सौर ऊर्जा से प्रकाशित होने वाला पहला गांव बम्हनी अचानकमार है। बलरामपुर के निकट तातापानी में प्रदेश का एकमात्र जियो थर्मल पावर स्टेशन स्थापित किया जा रहा है।


यह गर्म जल के स्रोत से 100 किलो वाट का विद्युत संयंत्र लगाया जा रहा है। यह संयंत्र अमेरिका के जियो मैक्स थर्मैक्स कंपनी के तकनीकी सहयोग से राष्ट्रीय जल विद्युत निगम द्वारा स्थापित किया जाएगा। दुर्ग रायपुर और उमर पेटी में सौर ऊर्जा चलित पंप लगाया गया है।


रतनजोत के बीज से बायोडीजल बनाने हेतु राज्य का प्रथम बायोडीजल संयंत्र रायपुर में स्थापित किया गया है प्रोग्राम छत्तीसगढ़ में प्रथम पवन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना 1991 मैं बालोद में की गई थी।


प्रति व्यक्ति वार्षिक विद्युत खपत 1541 यूनिट है ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कुल खपत 66.6 एक परसेंट है शहरी क्षेत्रों में  32.39 परसेंट है विद्युत उपभोक्ता 47.43 लाख है एकल बत्ती कनेक्शन धारक 15.54 लाख है |


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